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यूपी की बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। गुरुवार शाम को उसे जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जेल प्रशासन ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।
वहीं, मऊ और गाजीपुर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही बांदा में भी सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। DGP मुख्यालय ने भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
इससे पहले मंगलवार को मुख्तार की तबीयत बिगड़ी थी। 14 घंटे भर्ती रहने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था। कुछ दिन पहले ही मुख्तार अंसारी ने दावा किया था कि उसे धीमा जहर देकर मारने की कोशिश की जा रही है।
मुख्तार अंसारी के वकील का कहना है कि कुछ देर बाद उनके बारे में जानकारी मिलेगी। मुख्तार के भतीजे और विधायक सुहैब अंसारी ने बताया कि हमें जानकारी मिली है कि उनकी तबीयत खराब है। हम लोग बांदा के लिए निकल रहे हैं।
मुख्तार अंसारी 2005 से सजा काट रहा है। अलग-अलग मामलों में उसे 2 बार उम्रकैद हुई है।
जानकारी के मुताबिक जेल में 3 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार के स्वास्थ्य पर लगातार नजर बनाए हुए था, लेकिन सेहत में सुधार नहीं हो रहा था। हालत गंभीर होती देख डॉक्टरों ने उसे दोबारा मेडिकल कॉलेज में ही शिफ्ट करना ठीक समझा।
इसके पहले सोमवार रात भी मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ गई थी। पेट दर्द की शिकायत पर जेल प्रशासन ने माफिया को सुबह 3 बजकर 55 मिनट पर मेडिकल कॉलेज के ICU में भर्ती कराया था। हालत में सुधार होने के बाद मुख्तार को शाम 6 बजे बांदा जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। मुख्तार 14 घंटे अस्पताल में रहा था।
बांदा मेडिकल प्रशासन ने हेल्थ बुलेटिन भी जारी किया था। इसमें बताया था, मुख्तार के पेट में दर्द है। उसे 4-5 दिनों से कब्ज की शिकायत थी। फिलहाल, उसकी हालत स्थिर है। मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी बांदा मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। प्रशासन और पुलिस की टीम उनको पीछे के गेट से अंदर ले गई थी।
मुख्तार अंसारी से मिलने के बाद उनके भाई अफजाल अंसारी ने बताया था कि वे होश में हैं। उन्होंने हमसे कहा कि उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ दिया गया है। 40 दिन पहले भी एक बार ऐसा हो चुका है। अब दोबारा यह हुआ है। प्रशासन को हम धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्हें समय से अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 3 डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है।
मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने फेसबुक पर लिखा था- पिता की हालत बहुत गंभीर है। उनके लिए दुआ करें। उमर अपनी भाभी निखत अंसारी के साथ मेडिकल कॉलेज पहुंचा था। उमर ने कहा था, मैं 900 किलोमीटर दूर से आया हूं। मुझे अपने पिता को शीशे से भी नहीं देखने दिया गया। ये तो जुल्म है, हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे।
हमें सर्वोच्च न्यायालय पर उम्मीद है और हमें न्यायपालिका पर विश्वास है कि वहां से हमें न्याय मिलेगा। मेरी ये कामना है कि वह जल्द ठीक हो जाएं। मेरे 26 साल के जीवन मैं 25 साल उनसे दूर रहा। मैंने होली और दिवाली नहीं देखी, ईद और बकरीद की खुशियां नहीं मनाई। क्योंकि मेरे बाप मेरे पास नहीं थे।